Punjab news point :केंद्र सरकार ने आखिरकार बासमती चावल के निर्यातकों को बड़ी राहत देते हुए मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस (एमईपी) 1200 यूएस डॉलर प्रति टन से घटाकर 950 डॉलर करने का एलान किया है। इससे पंजाब के किसानों ने राहत की सांस ली है क्योंकि इस साल पंजाब में बासमती का 20 फीसदी रकबा बढ़ गया है लेकिन निर्यातकों ने खरीद करने से हाथ खड़े कर दिए थे। इस कारण घरेलू मंडी में बासमती धान 3000 हजार रुपये प्रति क्विंटल पर आ गया था लेकिन शुरुआती दौर में यह पांच हजार रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंचा। बासमती चावल निर्यातकों और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के बीच हुई एक वर्चुअल बैठक में यह फैसला लिया गया।
मंत्री और निर्यातकों ने बैठक में अपने-अपने तर्क रखे। निर्यातकों का कहना है कि इतना भारी भरकम एमईपी लगने से भारत का बासमती निर्यात कम हो गया है। पाकिस्तान हमारे बाजार पर कब्जा कर रहा है क्योंकि उसका दाम भारत के बासमती चावल से कम है। अंतराष्ट्रीय बाजार में हमारे हाथ से अगर खरीददार निकल गए तो दोबारा उनको अपने साथ जोड़ना आसान नहीं होगा।
इस मामले को जोरदार ढंग से उठाया था कि सरकार के 1200 डॉलर वाले फैसले के बाद इसका सीधा असर किसानों की आय पर पड़ रहा था, क्योंकि निर्यात कम होने की वजह से बासमती धान की खरीद कम हो गई थी। वहीं निर्यातकों ने पांच दिन तक बासमती धान की खरीद का बहिष्कार भी किया था। इसकी वजह से हरियाणा और पंजाब के किसानों में सरकार के प्रति गुस्सा पनप रहा था।