पंजाब के इस एटीपी को मौजूदा पद से डीमोट कर बनाया इंस्पेक्टर, पढ़िए पूरी कहानी

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जालंधर: एक पुराने मामले में चल रही जांच में आई रिपोर्ट को खारिज करते हुए नगर निगम कमिश्नर ने बिल्डिंग ब्रांच के सहायक टाउन प्लानर ( एटीपी ) राजेंद्र शर्मा को उनके मौजूदा पद से एक पद नीचे डिमोट कर दिया है । राजेंद्र शर्मा अब एटीपी के पद के बजाए बिल्डिंग इंस्पेक्टर के पद पर काम करेंगे ।

आरटीआई एक्टिविस्ट रविंद्र पाल चड्ढा ने बताया गलत रिपोर्ट के आधार पर उनको इसको एटीपी बनाया गया था लगभग 2018 की बात है तब परमपाल और एमटीपी लखबीर ने गलत रिपोर्ट के आधार पर एटीपी का दर्जा दिला दिया था। तब राजेंद्र शर्मा जालंधर तैनात थे और कमिश्नर दीपर्व लाकड़ा थे।

बिना काम के बिठाया था निगम में राजिंदर शर्मा को

पंजाब के मंत्री और प्रमुख सेकेटरी के हुकम के आधार पर राजिंदर शर्मा  डिमोट किया गया था, काफी समय तक एक  कमरे में राजेंद्र शर्मा बैठे रहते थे इन्हें कोई काम भी नहीं दिया जाता था। एक डिमोट हुए एटीपी को कैसे फिर से एटीपी का चार्ज मिल जाता है यह बात आज तक समझ नहीं आई लेकिन निगम के अफसरों की मिलीभगत से यह खेल तीन-चार साल से चल रहा था।

एटीपी  से इंस्पेक्टर बनाए जाने को लेकर राजेंद्र शर्मा ने सरकार पर केस कर पिटिशन भी डाली थी। लेकिन कई कारणों की वजह से राजेंद्र शर्मा नहीं वह पार्टीशन वापस ले ली थी। उसके बाद दोबारा 2022 मे फिर से हाईकोर्ट में हालांकि इंस्पेक्टर बनाए जाने के खिलाफ रविंदर शर्मा द्वारा फिर से पिटीशन डाली गई।

आरटीआई एक्टिविस्ट रविंद्र पाल चड्ढा बताया कि उन्होंने लोकपाल में भी इसका केस लगाया हुआ है। फिर पंजाब गवर्नमेंट ने एक चिट्ठी निकाली है, जिसमें यह पूछा गया कि किस हुकुम के आधार पर इस्पेक्टर को एटीपी बनाया गया उसका जवाब दिया जाए।

राजेंद्र शर्मा को एटीपी के तौर पर दिए गए सेक्टर का चार्ज भी वापस ले लिया गया है । पुराने जांच के एक मामले में राजेंद्र शर्मा के बयान के आधार पर एक पद से नीचे रैंक पर डिमोट करने के पुराने आदेशों को 6 अगस्त 2021 की रिपोर्ट के आधार पर खारिज कर दिया गया था ।

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