Punjab news point : संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने शुक्रवार को एक गैर-बाध्यकारी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी, जिसमें गाजा में ‘मानवीय संघर्ष विराम’ की अपील की गई. संघर्ष के 21वें दिन, 193 सदस्यीय यूएन ने अमेरिका के समर्थन वाले कनाडा के संशोधन को अस्वीकार करने के बाद 45 सदस्यों की गैर मौजूदगी में 120-14 के वोट से प्रस्ताव को अपनाया. भारत भी उन देशों में शामिल था, जो मतदान में मौजूद नहीं थे. इजरायल ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया और कहा कि हमास का मुकाबला करने के लिए ‘देश अपने पास उपलब्ध हर साधन’ का उपयोग करेगा. वहीं हमास ने संघर्ष विराम की अपील का स्वागत किया.
यूएन में मतदान के बाद इजरायली राजदूत गिलाद एर्दान ने कहा कि ‘आज का दिन बदनामी के रूप में याद किया जाएगा. हम सभी ने देखा है कि संयुक्त राष्ट्र के पास अब रत्ती भर भी वैधता या प्रासंगिकता नहीं रह गई है. इजरायल अपनी रक्षा करना जारी रखेगा. हम दुनिया को हमास की बुराई से छुटकारा दिलाकर अपने भविष्य, अपने अस्तित्व की रक्षा करेंगे ताकि यह फिर कभी किसी और को धमकी न दे सके.’ 22 अरब देशों के नाम पर जॉर्डन के प्रस्तावित संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव में ‘शत्रुता को खत्म करने के लिए तत्काल, टिकाऊ और निरंतर मानवीय संघर्ष विराम” का आवाह्न किया गया.’
यूएन के 10वें आपातकालीन विशेष सत्र की बैठक में अपनाए गए प्रस्ताव पर भारत की उप स्थायी प्रतिनिधि राजदूत योजना पटेल ने कहा कि ‘गाजा में चल रहे संघर्ष में हताहतों की संख्या एक गंभीर, गहरी और निरंतर चिंता का विषय है. नागरिक, विशेषकर महिलाएं और बच्चे अपनी जान देकर इसकी कीमत चुका रहे हैं. इस मानवीय संकट को हल करने की जरूरत है. हम अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के तनाव कम करने की कोशिशों और गाजा के लोगों को मानवीय सहायता प्रदान करने का स्वागत करते हैं. भारत ने भी इस कोशिश में योगदान दिया है

