Punjab news point :उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने पुलिस बल को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। यूपी पुलिस में अब 50 साल से ज्यादा उम्र के पुलिस कर्मियों और अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाएगी। इसके लिए स्क्रीनिंग की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
जानकारी के मुताबिक, 30 मार्च 2023 तक 50 वर्ष की आयु तक पहुंचने वाले पुलिस कर्मियों को उनके ट्रैक रिकॉर्ड का गहन मूल्यांकन कराना होगा। इसी मूल्यांकन से पता चलेगा कि पुलिसकर्मी अनिवार्य सेवानिवृत्ति के लिए पात्र हैं या नहीं? एडीजी स्थापना संजय सिंघल ने सभी आईजी रेंज/एडीजी जोन, सातों पुलिस कमिश्नर और पुलिस के सभी विभागों को निर्देश जारी कर दिया गया है।
20 नवंबर तक मांगी गई है लिस्ट
बताया गया है कि इन पुलिसवालों के ट्रैक रिकॉर्ड की बेहद सावधानीपूर्वक समीक्षा के बाद आगे का फैसला लिया जाएगा। ऐसे अधिकारियों की सूची मुख्यालय को भेजी जाएगी। साथ ही प्रांतीय सशस्त्र बल (पीएसी) में तैनात ऐसे अधिकारियों की सूची 20 नवंबर तक उपलब्ध कराने का आदेश दिया गया है।
ये पुलिसवाले भी आएंगे इस रिटायरमेंट की जद में
कथित तौर पर भ्रष्टाचार और कदाचार वाले उन पुलिस अधिकारियों को भी दंडात्मक कार्रवाई के रूप में अनिवार्य सेवानिवृत्ति का सामना करना पड़सकता है। इसके अलावा सरकार ने उन अधिकारियों और कर्मियों को निष्कासित करने का फैसला किया है जिन्हें पहले पुलिस बल से खारिज कर दिया गया था। एडीजी स्थापना ने इस संबंध में निर्णय लेने में सुविधा के लिए इन अधिकारियों के ट्रैक रिकॉर्ड का अनुरोध किया है।
योगी सरकार ने लिया फैसला
इन अधिकारियों की स्क्रीनिंग प्रक्रिया में उनकी वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) का मूल्यांकन भी शामिल होगा। यह मूल्यांकन अधिकारी की दक्षता, चरित्र, क्षमता, मूल्यांकन और जनता के प्रति व्यवहार को उनके पद को बनाए रखने या उन्हें सेवानिवृत्त करने के मानदंड के रूप में माना जाएगा। हाल के वर्षों में योगी सरकार ने यूपी पुलिस की दक्षता बढ़ाने के लिए सैकड़ों पुलिस अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति लागू की है।