दुनियाभर में कोरोना वायरस के नए सब-वेरिएंट JN.1 ने तहलका मचा रखा है. वहीं भारत में भी इसकी स्थिति गंभीर होती जा रही है, जिसको लेकर केंद्र के साथ-साथ राज्य सरकारें भी अलर्ट हो गई हैं. कोरोना के नए वेरिएंट की बढ़ती गंभीरता को ध्यान में रखते हुए बैठकों का दौर शुरू हो गया है और एडवाइजरी जारी की जा रही है. एक रिपोर्ट के मुताबिक बीते दो हफ्तों में कोरोना वायरस के जो भी सैंपल लिए गए, उन सबमें JN.1 की मौजूदगी पायी गई है. भारत के कोविड-19 जीनोमिक सिक्वेंसिंग कंसोर्टियम INSACOG द्वारा बुधवार को अपलोड किए गए आंकड़ों के अनुसार, पिछले दो हफ्तों में एकत्रित किए गए सभी सैंपल में नए सब-वेरिएंट JN.1 के लक्षण पाए गए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक यह डेटा भारत में मौजूदा वेरिएंट की स्थिति को स्पष्ट नहीं कर रहा है. क्योंकि अधिकांश राज्यों की प्रयोगशालाओं ने जून-जुलाई से जीनोम सिक्वेंस भेजना बंद कर दिया है. इस साल मई में, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने ऐलान किया था कि कोरोना अब हेल्थ इमरजेंसी नहीं है. लेकिन सभी देश इसके बदलते स्वरूप पर निगरानी बनाए रखें. मंगलवार को, WHO ने JN.1 को वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट के तौर पर नामित किया. लेकिन साथ में यह भी बताया कि नए सब-वेरिएंट मौजूदा परिस्थिति में खतरनाक नहीं है और पब्लिक हेल्थ रिस्क कम है. यानी कि मौजूदा उपचार के साथ-साथ दी जा रही वैक्सीन लोगों को गंभीर संक्रमण होने से रोकने में मददगार है.