देश : मॉब लिंचिंग रोकने को क्या किया : Supreme Court

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Punjab news point : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को विभिन्न राज्य सरकारों से कथित गौरक्षकों और भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या किए जाने के मामलों पर की गई कार्रवाई के बारे में छह सप्ताह में उसे अवगत कराने को कहा। जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने एक महिला संगठन की याचिका पर सुनवाई छह सप्ताह बाद करने का फैसला किया।

याचिका में अनुरोध किया गया था कि राज्यों को कथित गौरक्षकों द्वारा मुसलमानों के खिलाफ भीड़ हिंसा की घटनाओं से निपटने के लिए शीर्ष अदालत के 2018 के एक फैसले के अनुरूप तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया जाए। पीठ ने आदेश दिया, ‘हमने पाया है कि अधिकतर राज्यों ने ‘मॉब लिंचिंग’ के उदाहरण पेश करने वाली रिट याचिका पर अपने जवाबी हलफनामे दाखिल नहीं किए हैं। राज्यों से अपेक्षा थी कि वे कम से कम इस बात का जवाब दें कि ऐसे मामलों में क्या कार्रवाई की गयी है। हम उन राज्यों को छह सप्ताह का समय देते हैं जिन्होंने अपना जवाब दाखिल नहीं किया है।’ शीर्ष अदालत भाकपा से जुड़े संगठन ‘नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन वुमेन’ (एनएफआईडब्ल्यू) की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें पिछले साल केंद्र सरकार को और महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान, बिहार, मध्य प्रदेश तथा हरियाणा के पुलिस महानिदेशकों को नोटिस जारी किए गए थे और याचिका पर उनके जवाब मांगे गए थे। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता संगठन की ओर से पेश वकील निजाम पाशा ने कहा कि मध्य प्रदेश में कथित ‘मॉब लिंचिंग’ की एक घटना हुई थी लेकिन पीड़ितों के खिलाफ गौहत्या की प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

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