Punjab news point : महाराष्ट्र और झारखंड के चुनावी नतीजों के बाद राजधानी दिल्ली में भी सियासी पारा चढ़ने लगा है। दिल्ली विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले ही आम आदमी पार्टी (AAP) के अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल एक्शन मोड में आ गए हैं। उन्होंने चुनावों के लिए 11 कैंडिडेट्स की घोषणा कर दी है। कई लोगों के मन में यही सवाल है कि आखिर अरविंद केजरीवाल को प्रत्याशी घोषित करने की इतनी भी क्या जल्दी थी? मगर क्या आप जानते हैं कि 11 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान करके केजरीवाल ने 1 तीर से 3 निशाने किए हैं।
1. दलबदलुओं को आमंत्रण
अरविंद केजरीवाल ने जिन 11 प्रत्याशियों को टिकट दिया है, उनमें से 6 उम्मीदवार कांग्रेस और बीजेपी छोड़कर AAP में शामिल हुए हैं। अन्य दलों के विधायकों को तवज्जो देना इस बात की तरफ इशारा करता है कि केजरीवाल विपक्ष की कमजोर कड़ियों को तोड़ने की पुरजोर कोशिश में लगे हैं। इससे न सिर्फ बीजेपी के ऑपरेशन कमल को झटका लग सकता है बल्कि टिकट पाने की चाहत में अन्य दलों के नेता भी AAP का रुख कर सकते हैं।
2. एंटी इनकम्बेंसी पर वार
आम आदमी पार्टी 2015 से दिल्ली की गद्दी पर काबिज है। ऐसे में AAP के कई विधायकों को लेकर एंटी इनकम्बेंसी की खबरें सामने आ रही हैं। पुराने विधायकों को लेकर जनता नाखुश है। इससे निपटने के लिए केजरीवाल ने नए चेहरों को टिकट देना शुरू कर दिया है। लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी ने भी यही फॉर्मूला अपनाते हुए 7 में से 6 सांसदों का टिकट काटा था और नतीजतन राजधानी की सातों सीटें बीजेपी के खाते में चली गई थीं।
3. केजरीवाल की लीडरशिप
चुनाव से पहले टिकट बंटवारे का आगाज करके केजरीवाल एक बार फिर अपनी लीडरशिप इमेज को मजबूत करना चाहते हैं। राजनीति में अभी भी केजरीवाल की छवि बेदाग है, उन पर लगे आरोपों की पुष्टि नहीं हो सकी है। जाहिर है केजरीवाल ही एक ऐसा चेहरा है, जिसका तोड़ बीजेपी के पास भी नहीं है। यही वजह है कि केजरीवाल दिल्ली की जनता से उन्हें ध्यान में रखकर वोट करने की अपील कर रहे हैं।

