Punjab news point : पंजाब विधानसभा ने आज सर्वसम्मति से राष्ट्रीय कृषि मंडीकरण नीति के मसौदे को किसान विरोधी बताते हुए रद्द कर दिया है। इस मसौदे को रद्द करने के लिए कृषि और किसान कल्याण मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव पर बहस को समेटते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पहले ही इस मसौदे का केंद्र सरकार को लिखित जवाब भेजकर कड़ा विरोध कर चुकी है। उन्होंने कहा कि इस मसौदे को राज्य सरकार ने पूरी तरह से रद्द कर दिया है क्योंकि यह पूरी तरह से राज्य के हितों के खिलाफ है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी सरकार द्वारा किसानों के लिए की गई पहलकदमियों के बारे में बहुत दम भरते हैं, लेकिन दिल से वह और उनकी सरकार किसानों, खासकर पंजाब के किसानों के साथ दुश्मनी भरा व्यवहार अपनाती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी सोच के कारण प्रधानमंत्री द्वारा किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा नहीं की गई, जबकि उन्होंने किसानों के साथ इसका वादा किया था। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार राज्य के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है क्योंकि पंजाब के किसानों ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ बड़े आंदोलन का नेतृत्व किया था, जिसके बाद मजबूर होकर केंद्र सरकार को झुकना पड़ा था। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब के खिलाफ नफरत इसलिए पाली जा रही है क्योंकि केंद्र को यह तीन कानून वापस लेने पड़े जो कि पिछले 10 सालों से अधिक समय के मोदी शासन को पहली बार अपने फैसले से पीछे हटना पड़ा था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान के अनुसार कृषि विपणन राज्य का विषय है और उस समय के संविधान निर्माताओं द्वारा यह महसूस किया गया था कि कृषि गतिविधियां विभिन्न क्षेत्रों की भौगोलिक स्थितियों पर निर्भर करती हैं और हर राज्य की स्थिति अलग होती है क्योंकि राज्य अपने फसली चक्र, विपणन ढांचे की स्थिति और स्थानीय जरूरतों को समझने की बेहतर स्थिति में होते हैं। इससे यह सुनिश्चित होता है कि कृषि संबंधी नीतियां राज्य की आवश्यकताओं, परिस्थितियों और चुनौतियों के आधार पर बनाई जा सकें। इस नीति के माध्यम से केंद्र सरकार द्वारा राज्यों के अधिकारों पर कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा है।