जिला प्रशासनिक अधिकारियों की नालायकी “प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना” से जुड़े लाखों परिवारों पर भारी पड़ रही है। लुधियाना से अधिकतर इलाकों में हालत यह बने हुए हैं कि आटा चक्की मालिको और डिपो होल्डरो की जूंण्डली मिलकर आर्थिक तौर पर कमजोर गरीब परिवारों का लहू चूसने का काम कर रहे है l
असल में केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना से जुड़े गरीब और जरूरतमंद लोगों को आर्थिक सहायता देने के रूप में फ्री गेहूं मुहैया करवाई जा रही है ताकि वह अपने मासूम बच्चों और परिवारों को भर पेट रोटी खिला सके l लेकिन आटा चक्की मालिक और डिपो होल्डर आपसी सैटिंग कर उक्त गेहूं का पिसाई करने के बदले में गरीब परिवारों से 10 रु. प्रति किलो का जजिया वसूल कर रहे हैं जो कि सीधे तौर पर उक्त परिवारों की खाल उधेड़ने का नाजायज काम है l गेहूं की कालाबाजारी और मुनाफाखोरी के इस काले धंधे को पूरे जोरों शोरों से चलने के लिए अधिकतर डिपो होल्डरों द्वारा तो अपनी खुद की आटा चक्कियों तक लगाई गई है l जिसमें पहले तो राशन कार्ड धारकों के हिस्से की बनती गेहूं में मोटी कुड़ी लगाई जाती है जबकि उसके बाद गेहूं की पिसाई करने के बदले में गरीबों से 10 रु. प्रति किलो तक की ठगी की जाती है और उन्हें रोकने वाला तक कोई नहीं है l या फिर यूं कहे कि खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की लंबी चौड़ी फौज लाखों गरीब परिवारों के साथ खुलेआम हो रही धक्के शाही का नजारा खुली आंखों से देखने के बाद गूंगे, बहरे और बोले बनकर बैठे हुए हैं l