हाईकोर्ट ने किया स्पष्ट , फ़ोन पर जातिसूचक शब्द बोलकर भड़ास निकालना नहीं है कोई जुर्म ,FIR होगी रद .

पंजाब

Cheif: Rajinder Kumar.
1-जून पंजाब (पत्रकार: शुभम रजक) हरियाणा और पंजाब हाईकोर्ट ने अपने फ़ैसले में कहा कि फ़ोन पर किसी के लिए जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल करना SC / ST एक्ट के अंतर्गत अपराध नहीं माना जा सकता है / जस्टिस एच एस गिल की बैंच ने यह फ़ैसला कुरूक्षेत्र के गाँव घराड़सी के रहने वाले प्रदीप और संदीप की अपील को ख़ारिज करते हुए सुनाया है /
सरपंच राजेंद्र कुमार की शिकायत पर पुलिस ने अक्टूबर, 2017 में आइपीसी और SC / ST Act के अंतर्गत प्रदीप और संदीप के ख़िलाफ़ FIR दर्ज की थी / सरपंच ने यह भी इल्ज़ाम लगाया था कि दोनों ने उसे जान से मारने की धमकी दी थी / इस ख़िलाफ़ संदीप और प्रदीप ने हाईकोर्ट में अपील की थी /प्रदीप और संदीप पर इल्ज़ाम था कि उन्होंने मोबाइल से सरपंच के ख़िलाफ़ जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया और उसकी बहन के प्रति अश्लील टिप्पणियाँ भी की / बैंच ने कहा इस तरह की घटना अपराध की श्रेणी में तब ही आतीं हैं जब वह जन तक स्थान पर की जाती है या किसी तीसरे व्यक्ति ने बातचीत सुनी हो /
उनके वकील ने हाईकोर्ट में बताया कि सरपंच के ख़िलाफ़ दोनों में से एक के पिता ने शिकायत की थी / जिसके बाद सरपंच ने केस दर्ज करवाया था / हाईकोर्ट ने कहा ऐसे कई गवाह हैं जिस से स्पष्ट होता है कि पटीशनकर्ता के पिता ने सरपंच के काम पर उंगली चुकी थी / हाईकोर्ट ने प्रदीप और संदीप पर दर्ज FIR और कुरूक्षेत्र की स्थानिक अदालत की तरफ से तय FIR भी रद्द करने का आदेश दिया है /

SC ST ACT not offence when any comments on phone where not public High court expresses anger by speaking casteist words on clear phone is not crime.

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