Cheif: Rajinder Kumar.
4- जून मलप्पुरम (पत्रकार: शुभम रजक) : केरल के मलप्पुरम में कुछ लोगों ने गर्भवती हथिनी को पटाखों से भरा अनानास खिला दिया था, जिस कारण हाथी के पेट में पटाखे फूट जाने से उसी वक्त हाथी की मौत हो गई . इस घटना को लेकर लोगों में उबाल देखने को मिला सोशल मीडिया पर लोग इस घटना को अमानवीय बता रहे हैं, हाथी की दर्दनाक मौत के बाद लोगों की इंसानियत पर भी उठाया जा रहा है ।
इस मामले पर वन्य जीव अधिकारियों से बात की तो उन्होंने कहा कि पूरे मामले की जांच अभी चल रही है वन विभाग के अधिकारी हाथी की मौत का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं इस पूरी चर्चा की शुरुआत तब हुई जब एक जूनियर स्तर के अधिकारी ने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि हथिनी की मौत की वजह मुंह में पटाखे फटने की वजह से हुई है.
सोशल मीडिया पर गर्भवती हथिनी की पानी खड़े होने वाली तस्वीर वायरल हो रही है. लोगों का गुस्सा मलप्पुरम के लोगों को पर फूट रहा है. मलप्पुरम गांव में हाथी गई थी भूख के कारण उसे लगा कि वहां उसको कुछ मिल सकता है खाने के लिए . कुछ स्थानीय लोगों ने अनानास में पटाखे भरकर हथिनी को खिला दिया. दिल दहलाने वाली यह घटना को देखकर लगता है कि यह लोगों के मन में इंसानियत खत्म हो चुकी है सोशल मीडिया पर चर्चा के केंद्र में है.
माना जाता है कि आमतौर पर हाथियों का झुंड जंगलों में हमेशा चक्कर काटता रहता है. इस हादसे के बाद हथनी पानी में जाकर खड़ी हो गई और वह आज हनिया दर्द सहती रही । अपने आप में यह काफी दर्दनाक मामला है. इस दर्दनाक घटना को नीलांबर के सेक्शन फॉरेस्ट अधिकारी मोहन कृष्णन ने सोशल मीडिया पर पहले शेयर किया. खाने की तलाश में हाथी अक्सर गांव में भटकते रहते हैं कि उन्हें वहां से कुछ खाने को मिल जाए . लोगों ने अनानास में पटाखे छिपाए थे, सामान्य तौर पर ग्रामीण लोग ऐसा जंगली सूअरों को भगाने के लिए करते हैं. जैसे ही हथिनी ने फल खाया, उसके मुंह में पटाखे फूट गए और उसकी मौत हो गई ।
गांव से पता लगा है कि हाथी , ‘वह गांव में खाने की तलाश में आई थी. उसे स्वार्थी मानव के बारे में नहीं पता था, जिसे वह देखने जा रही थी. हां मानना है कि हाथी को जरूर सोचना चाहिए था लोग उसे खत्म कर देंगे क्योंकि उसके पास दो जीवनों का भार था. वह सब पर विश्वास करती थी. जैसे ही अनानास उसने खाया, लोग उसे कुछ खाने को देंगे लेकिन उसे यह नहीं पता था कि उसे खाने में बम मिला कर दे सकते हैं । 18 से 20 महीने के भीतर वह बच्चे को जन्म देने वाली थी.’ इस घटना को पर्यावरण मंत्रालय ने भी गंभीरता से लिया है और पर्यावरण मंत्रालय नेवी हाथी की इस दर्दनाक घटना के बाद वहां की पूरी रिपोर्ट मांगी है । वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि जो लोग हाथी की इस दर्दनाक घटना में दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी ।