जालंधर: पंजाब सरकार की नई एक्साईज पालिसी के तहत ठेकों की अलाटमेंट पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। इससे पहले पंजाब सरकार की नई पालिसी का ठेकेदारों ने विरोध किया था। हाईकोर्ट में चार पटीशन दायर की गई थीं।
सुनवाई को दौरान हाईकोर्ट की डब्ल बैंच ने पंजाब में ठेकों की अलाटमेंट पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने भगवंत मान सरकार को नोटिस जारी किया है। हाईकोर्ट में दायर पटीशन में आम आदमी पार्टी की सरकार पर शराब के कारोबार में एकाधिकार को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया है। नई नीति को रद्द करने की मांग की गई है।
अगर पंजाब सरकार की पालिसी पर किसी तरह की रोक लगती है तो पंजाब में शराब सस्ती नहीं होगी। सरकार की नई नीति एक जुलाई को लागू होगी। जिसके बाद पंजाब में चंडीगढ़ से सस्ती बियर और हरियाणा से सस्ती शराब मिलेगी। फिल्हाल नीति को लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया है।
नई आबकारी नीति का उद्देश्य शराब कारोबार में लगे माफिया के गठजोड़ को तोड़ना है। इसके मुताबिक शराब निर्माता, थोक विक्रेता और परचून विक्रेताओं के बीच एक-दूसरे से दूरी बनेगी। इस नीति से ये सभी पूरी तरह अलग इकाई के तौर पर काम करेंगे और इन कारोबारों के बीच कोई साझा हिस्सेदार नहीं होगा।
6378 होंगे राज्यभर में ठेके
नई आबकारी नीति के तहत ठेकों का आवंटन ई-टेंडरिंग से होगा। प्रणाली निष्पक्ष और पारदर्शी रहे इसके लिए शराब के ठेकों को 177 ग्रुपों को बांटा गया है। एक ग्रुप का कारोबार लगभग 30 करोड़ होगा और पंजाब में 6378 ठेके होंगे। पीएमएल को छोड़कर हर किस्म की शराब की आबकारी ड्यूटी थोक कीमत की एक प्रतिशत के हिसाब से वसूली होगी। उसी तर्ज पर आईएफएल की मूल्यांकन की गई फीस भी थोक कीमत के एक प्रतिशत के हिसाब से वसूली जाएगी। शराब की कीमतें अब लगभग पड़ोसी राज्यों के बराबर होंगी।
पहली बार होगा माल्ट स्प्रिट का उत्पादन
राज्य में पूंजी निवेश को उत्साहित करने और रोजगार के मौके बढ़ाने के लिए इस नीति में नए डिस्टिलरी लाइसेंस और ब्रियूवरी लाइसेंस का भी प्रस्ताव रखा गया है। इसके अलावा माल्ट स्प्रिट के उत्पादन के लिए नया लाइसेंस भी लाया गया है। इससे फसलीय विभिन्नता को बढ़ावा मिलेगा और किसानों को अपनी उपज की बढ़िया कीमत मिलेगी।