एक करोड़ रुपए रिश्वत और हर महीने दस लाख रुपए कमीशन मांगने वाला आईएफएस अफसर गिरफ्तार

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जालंधर: पंजाब में एक करोड़ रुपए रिश्वत मांने वाले इंडियन फॉरेस्ट सर्विस (IFS) विशाल चौहान को विजिलेंस ब्यूरों ने गिरफ्तार किया है। आरोप है कि हर महीने 10 लाख रुपए और जमीन बिक्री में 5 लाख रुपए कमीशन भी मांगी थी। उसने पंजाब लैंड रिजर्वेशन एक्ट में आती जमीन पर कब्जे का आरोप लगा कॉलोनाइजर को FIR का डर दिखाया था। पहले पकड़े ठेकेदार और फॉरेस्ट अफसरों से पूछताछ के बाद IFS पर ये कार्रवाई हुई है।

पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने 2 जून को मोहाली के DFO गुरअमनप्रीत सिंह और ठेकेदार हरमिंदर सिंह हमी को करप्शन केस में गिरफ्तार किया था। उनसे पूछताछ में पता चला कि रिश्वतखोरी के खेल में IFS विशाल चौहान भी शामिल है। जिसके बाद विजिलेंस ने उसे भी नामजद कर लिया। जांच में पता चला कि सेक्टर 10 चंडीगढ़ के रहने वाले दविंदर संधू के पास गांव मसौल और टांडा में 100 एकड़ जमीन है। इसका कुछ हिस्सा पंजाब लैंड प्रिजर्वेशन एक्ट (PLPA) के अधीन आता है।

कॉलोनाइजर दविंदर संधू के पिता कर्नल बलजीत संधू और उनके कर्मचारी तरसेम सिंह के खिलाफ पुलिस तक शिकायत पहुंची। ये शिकायत रेंज अफसर रणजोध सिंह ने दी थी। उन्होंने दविंदर संधू को बताया कि ये शिकायत DFO गुरअमनप्रीत सिंह और शिवालिक सर्कल के कंजरवेटर (वनपाल) विशाल चौहान के कहने पर दी है। संधू दोनों से मिलकर बात कर ले वर्ना उन पर FIR दर्ज हो जाएगी।

गुरअमनप्रीत सिंह के साथ डेढ़ घंटा बातचीत हुई। संधू ने ठेकेदार के कहने पर डीएफओ को 2 लाख रुपए का पैकेट दिया। डीएफओ ने कहा कि बाकी पैसों के बारे में वह चौहान से बात कर ले उसे बता देगा। संधू ने पूरे मामले की वीडियो रिकॉर्डिंग कर ली।

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