शमशान घाट से वापस आने उपरांत स्नान करने से संक्रमित जीवाणु का शरीर से निष्क्रिय हो जाएँ
पंडित प्रदीप शर्मा, पुजारी विकास मंदिर मोगा
Punjab news point : आजकल के अधुनिक युग/ भाग दौड़ की जिंदगी में कुछेक अपनी सभ्यता/रीति-रिवाजों को दरकिनार रखते हुए मनमर्जी कर रहे हैं। यह आम देखने को मिल रहा है कि कुछ लोग समय के आभाव के कारण या किसी अन्य कारणवश शमशान घाट पर दाह संस्कार की रस्मों के उपरांत स्नान नहीं करते ऐसे ही अपनी दिनचर्या शुरू कर रहे हैं। न्यूज टीम ने इस विषय पर जानकरी लेने हेतु स्थानीय विकास मंदिर के पुजारी पंडित प्रदीप कुमार शर्मा से संपर्क किया। पंडित जी ने बहुत ही सरल भाषा मे जानकारी देते हुए बताया कि हिंदुओं में व्यक्ति की मृत्यु के बाद दाह संस्कार की रस्में निभाई जाती हैं। मृत व्यक्ति की शव यात्रा निकालने के बाद श्मशान घाट में देह को पंचतत्व में विलीन किया जाता है। शमशान से लौटने के बाद सभी लोग स्नान करने के उपरांत ही, घर में प्रवेश करना चाहिए। माना जाता है कि शमशान में नकारात्मक उर्जाओं का वास होता है। जिन व्यक्तियों का आत्मविश्वास कम होता है, मनासिक शक्ति की कमी होती है या धैर्य की कमी होती है। ऐसे लोगों पर नकारात्मक शक्तियाँ जल्दी हावी हो जाती हैं।
वैज्ञानिकों के अनुसार, यदि आप तनाव में है तो स्नान करने से लाभ मिलता है। जिस वक्त आप दुःखी व तनावग्रस्त होते है, उस समय आपका शरीर खासकर सिर अधिक गर्म रहता है। स्नान करने के बाद पूरे शरीर का तापमान सामान्य हो जाता है और आप आरामदाय हो जाते है। यानि आप मानसिक रूप से शान्ति का अनुभव करते हैं। किसी की मृत्यु होने पर उससे जुड़े सभी लोग तनावग्रस्त होकर दुःखी हो जाते है। इसलिए शमशान से आने के बाद तुरन्त नहाया जाता है। साथ ही कुछ ऐसे लोगों की मृत्यु होती है, जिन्हें पहले से ऐसी बीमारियाँ रहती है, जो संक्रमित जीवाणुओं के कारण होती है। इसलिए शमशान से आने के बाद सभी लोग स्नान करते हैं ताकि संक्रमित जीवाणुओं का प्रभाव शरीर से निष्क्रिय हो जाये। परंतु आज-कल जिस प्रकार संक्रमित रोग फैल रहे हैं शायद हमारी लापरवाही हो सकती है। पंडित जी ने बताया कि शमशान घाट से वापस आने के उपरांत वस्त्र धोने हेतु आंगन में उतार कर स्नान इत्यादि करके ही ग्रह प्रवेश करने से काफी हद तक संक्रमित रोगों से बचाव हो सकता है। न्यूज टीम ने पंडित जी का विस्तृत जानकरी दे कर मार्ग दर्शक करने हेतु हार्दिक आभार व्यक्त किया।