Punjab news point : महिला आरक्षण को लेकर शुक्रवार को एक अच्छी खबर आई. हाल ही में संसद के विशेष सत्र के दौरान पास हुए महिला आरक्षण बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है. राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने इस बिल पर अपने हस्ताक्षर कर दिया है, जिसके बाद इसने कानून की रूप ले लिया है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की सहमति मिलते ही भारत सरकार ने महिला आरक्षण विधेयक के लिए एक गजट अधिसूचना जारी कर दी है. इसके साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार ने देश की आधी आबादी से किए अपने वादे को पूरा कर दिया है. बता दें कि संसद में इस बिल को ‘नारी शक्ति वंदन विधेयक’ के नाम से पेश किया गया था, जो अब कानून बन गया है.
महिला आरक्षण कानून बनने के बाद अब देश की संसद के दोनों सदन – लोकसभा और राज्यसभा में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित हो गई हैं. साथ ही देश के तमाम राज्यों की विधानसभाओं में भी महिलाओं को 33 प्रतिशत रिजर्वेशन का हक मिल गया है.
अब देश की संसद सहित सभी विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित कर दी गई हैं. यह विधेयक लगभग 27 साल से अटका पड़ा था. जब बिल को आखिरी बार 2008 में संसद में पेश किया गया था, तो उसमें रखे प्रस्ताव के मुताबिक लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए सभी सीटों में से 33 फीसदी आरक्षित किया जाना था लेकिन यह पास नहीं हो सका था.