Punjab news point : पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा है कि कानून तय होने के बावजूद कोर्ट में मामलों की संख्या बढ़ती जा रही है। पंजाब सरकार को चाहिए कि वे अपने स्तर पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्तेमाल कर ऐसे मामलों की पहचान करे और इन्हें लोक अदालत में लाकर इनका निपटारा करवाए।
हाईकोर्ट ने पहली बार सरकार को एआई के इस्तेमाल का सुझाव दिया है। इन टिप्पणियों के साथ ही हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग में अनुबंध पर काम करने वाली महिला की याचिका का निपटारा करते हुए नियमित करने पर निर्णय लेने का आदेश दिया है।
याचिका दाखिल करते हुए निशा रानी ने हाईकोर्ट को बताया कि सरकार ने उसे नियमित करने से इस आधार पर इन्कार कर दिया, क्योंकि 18 मार्च 2011 की रेगुलराइजेशन पॉलिसी में उच्च शिक्षा विभाग का नाम नहीं था। याची बाकी सभी योग्यता मानकों को पूरा करती है।
हाईकोर्ट ने कहा कि नीति में विभाग का नाम न होने के मामले में हाईकोर्ट ने श्रीपाल बनाम पंजाब सरकार मामले में कानून को स्पष्ट किया है। बावजूद इसके इस प्रकार के मामले अदालतों में लंबित हैं। जरूरत यह है कि ऐसे मामलों की पहचान की जाए और हाईकोर्ट को इनकी सूची दी जाए, ताकि इन्हें लोक अदालत में लाकर निपटारा किया जा सके। ऐसे मामलों की पहचान के लिए पंजाब एआई का इस्तेमाल कर सकती है। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता का मामला भी इस तय कानून के तहत आता है। ऐसे में पंजाब सरकार उसकी तीन वर्ष की सेवा पूरी होने की तिथि से नियमित करने पर आदेश जारी करे।