Punjab news point : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंड करवाकर इतिहास रच दिया. अब ISRO चंद्रयान-4 मिशन पर काम कर रहा है. AI ने तस्वीरों में चंद्रयान-4 के मिशन को दिखाया है. Chandrayaan-4 मिशन को LUPEX के रुप में भी जाना जाता है. लूपेक्स यानी लूनर पोलर एक्सप्लोरेशन मिशन, जो एक अंतरराष्ट्रीय मिशन है. इसे मुख्य रूप से ISRO और जापानी स्पेस एजेंसी JAXA मिलकर कर रहे हैं. चंद्रयान-4 मिशन में चांद से धरती पर सैंपल लाए जाएंगे. इस मिशन में भारत और जापान साथ में मिलकर काम कर रहे हैं. यह भी लैंडर उपकरण के साथ चंद्रमा पर उतरेगा. इसका लैंडिग साइट शिव शक्ति पॉवइंट होगा, जहां चंद्रयान-3 ने सफलतापूर्वक लैंडिग की थी. अगर मिशन में सफलता मिलती है तो यह बहुत बड़ी खुशखबरी होगी. दोनों देश मिलकर चंद्रमा की सतह पर 1.5 मीटर गहरा गड्ढा खोदेंगे और वहां से मिट्टी का सैंपल लाएंगे, जो वैज्ञानिकों को यह समझने में आसानी होगी कि क्या वहां जीवन संभव है या नहीं. गड्ढा खोदने के लिए ग्राउंड पेनीट्रेटिंग रडार (GPR) का इस्तेमाल हो सकता है. यह रोवर मिट्टी के अंदर मौजूद पानी की भी खोज करेगा. इसमें लेजर तकनीक का सहारा लिया जा सकता है.