EVM में गड़बड़ी के चलते सुप्रीम कोर्ट ने लगाया बैन?

देश राजनितिक

Punjab news point : देश में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) का पहली बार इस्तेमाल साल 1982 में केरल राज्य के चुनाव में किया गया था. इसके बाद से समय-समय पर इस मशीन को लेकर तरह-तरह की बातें कही गईं और आरोप लगाए गए. यही वजह है कि कई लोग कहते हैं कि अगर देश में सबसे ज्यादा किसी चीज पर ठीकरा फोड़ा गया है तो उसमें ईवीएम पहले नंबर पर खड़ी दिखती है. वहीं, ईवीएम को लेकर कुछ जगह दावे किए गए हैं कि देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट ने इस मशीन में गड़बड़ी पाए जाने पर चुनाव में इसके इस्तेमाल पर बैन लगा दिया है.

ईवीएम को लेकर कई जगह दावे किए जा रहे हैं कि देश के सर्वोच्च न्यायालय ने इसे बैन कर दिया है, जिसके बाद भारत निर्वाचन आयोग ने ऐसे भ्रामक दावों को काउंटर करने के लिए अपनी वेबसाइट https://mythvsreality.eci.gov.in/details/evm में चुनाव से जुड़े बहुत सारे मुद्दों पर मिथ वर्सेस रियलिटी का एक सेगमेंट शुरू किया है. इस मिथ वर्सेस रियलिटी में चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के ईवीएम बैन के पीछे की हकीकत बताई है. हालांकि, इसके पीछे का सच क्या है?

EVM पर नहीं है कोई बैन

आपको बता दें देश में EVM के ऊपर कोई भी प्रतिबंध नहीं लगा है. लोकसभा चुनाव 2024 में चुनाव आयोग देशभर में सात चरणों में होने वाले 19 अप्रैल 2024 से 1 जून 2024 के चुनाव के दौरान EVM का ही इस्तेमाल करेगा, जिसके परिणाम सारे देश में एक साथ 4 जून को आएंगे.

 

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