दुनियाभर में क्यों बेतहाशा बढ़ने लगे कैंसर के मामले, क्या हैं कारण

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Punjab news point : देश में सहित दुनियाभर में कैंसर के मामलों (Cancer cases)की बढ़ती संख्‍या ने स्‍वास्‍थ्‍य महकमे की चिंता के साथ चुनौती बढ़ा दी है. ब्रिटिश मेडिकल जर्नल (Oncology) की हाल में प्रकाशित एक स्‍टडी के अनुसार, पिछले तीन दशक में अंडर-50 आयुवर्ग के लोगों में कैंसर के नए मामलों की संख्‍या में 79 फीसदी का इजाफा हुआ है. यह संख्‍या वर्ष 1990 की 1.82 मिलियन (18.20 लाख) से बढ़कर 2019 के 3.82 मिलियन (38.20 लाख) पहुंच गई है.यही नहीं, जानलेवा मानी जाने वाली कैंसर की बीमारी से होने वाली मौतों की संख्‍या भी इस अवधि में करीब 28 फीसदी बढ़ी है. रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2030 तक दुनिया में प्राइमरी स्‍टेज के कैंसर के मामलों की संख्‍या 31 फीसदी तक बढ़ सकती है. कैंसर से होने वालों की मौतों की संख्‍या 21 फीसदी बढ़ सकती है.

यह स्‍टडी, भारत सहित दुनिया के 204 देशों में 29 तरह के कैंसर को कवर करने वाली Global Burden of Disease की 2019 की रिपोर्ट पर आधारित है. भारत की बात करें तो देश में वर्ष 2022 में कैंसर के रोगियों की संख्‍या 14.6 लाख के आसपास थी जो 205 में बढ़कर 15.7 लाख तक पहुंचने की आशंका है. रिसर्चर्स के अनुसार, अनुवांशिक कारकों (Genetic factors) की इसमें भूमिका हो सकती है लेकिन भोजन में रेड मीट और नमक की अधिक मात्रा, शराब और तंबाकू का सेवन 50 वर्ष से कम के आयुवर्ग में कैंसर के आम कारण हैं.

कोशिकाओं में आने लगता है बदलाव : किसी व्‍यक्ति के शरीर में जब कोशिकाएं यानी सेल्स के जीन्स में किसी भी तरह का बदलाव आने लगता है तो कैंसर की शुरुआत होती है. कैंसर अपने आप से भी हो सकता है या फिर गुटखा, तंबाकू या कोई नशीले पदार्थ का सेवन भी इसका कारण बनता है. इसके लिए अल्‍ट्रावॉयलेट रेज और रेडिएशन भी जिम्मेदार हो सकते हैं. कैंसर को आमतौर पर लाइलाज बीमारी समझा जाता है लेकिन ऐसा नहीं है. यदि कैंसर का शुरुआती स्‍टेज में ही पता चल जाए तो इस पर काबू पाया जा सकता है.

कैंसर के प्रमुख प्रकार 
ब्लड कैंसर : ल्यूकेमिया एक खून से जुड़ी गंभीर बीमारी है जिसे ब्लड कैंसर भी कहा जाता है. जब किसी व्यक्ति को ब्‍लड कैंसर हो जाता है तो उसके शरीर में व्हाइट ब्लड सेल्स (सफेद रक्त कोशिकाओं) की संख्या असामान्य रूप से बढ़ जाती है. इससे खून की कमी हो जाती है और धीरे-धीरे यह शरीर में संक्रमित हो जाता है.

लंग्‍स कैंसर : लंग्‍स यानी फेफड़ों में कैंसर की प्रमुख वजह धूम्रपान को माना जाता है. इस कैंसर से पीड़ि‍त व्‍यक्ति को सांस लेने में परेशानी होती है, हड्डियों में बहुत दर्द होता है. बलगम जमने की शिकायत होती है और भूख नहीं लगती है. हर वक्त थकान रहती है.

ब्रेन कैंसर : इस कैंसर को ब्रेन ट्यूमर भी कहा जाता है. इसमें दिमाग के एक हिस्से में गांठ बन जाती है और वह धीरे-धीरे पूरे ब्रेन में फैल जाती है

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