अकाल तख्त साहिब पर पांच साहिबानों की बैठक

Amritsar धार्मिक पंजाब

Punjab news point : श्री अकाल तख्त साहिब पर आज पांच तख्तों के जत्थेदारों की बैठक हुई। ज्ञानी रघबीर सिंह की अध्यक्षता में यह पहली बैठक थी। यहां पांच मामलों पर अहम फैसले लिए गए। उन्होंने डेस्टिनेशन मैरिज पर रोक लगा दी है, वहीं बठिंडा में हुई समलैंगिक विवाह को भी अवैध करार देते हुए प्रबंधक कमेटी को अयोग करार दे दिया है।

जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा- देश-विदेश से संगतों की शिकायतें उनके पास पहुंच रही थी। कुछ व्यक्ति मर्यादा की उल्लंघना करते हुए समुद्र के किनारों बीच-रिसॉर्ट पर श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का प्रकाश करके आनंद कारज करते हैं। जिसके चलते डेस्टिनेशन वैडिंग पर रोक लगाई जाती है।

वहीं, गुरुद्वारा कलगीधर साहिब, कनाल कॉलोनी बठिंडा में 2 लड़कियों के गुरु ग्रंथ साहिब की हजूरी में आनंद कारज करवाने के मामले में भी सिंह साहिबानों ने फैसला सुनाते हुए विवाह को अवैध करार दे दिया है। इसके साथ ही विवाह करवाने वाली कमेटी को हमेशा के लिए प्रबंध चलाने में अयोग करार किया है और संगत को अमृतधारी प्रबंधक कमेटी के चुनाव करवाने के आदेश दिए हैं।

वहीं, मुख ग्रंथी हरदेव सिंह, ग्रंथी अजायब सिंह, रागी सिकंदर सिंह, तबला वादक सतनाम सिंह को सिख मर्यादा की उल्लंघना के दोष में 5 सालों के लिए ब्लैकलिस्ट किया गया।

डेरा मुखी दर्शन सिंह के महिला के साथ नाजायज संबंधों के मामले में भी जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने सख्त आदेश दिए हैं। उन्होंने डेरा मुखी को श्री अकाल तख्त साहिब के सामने पेश होकर अपना गुनाह मान माफी मांगने के लिए कहा है।

डेरा मुखी को तब तक कीर्तन करने का अधिकार नहीं है। अगर वह कीर्तन करता हुआ दिखाई दिया तो उसके खिलाफ मर्यादा के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। इतना ही नहीं, संगत को भी उससे मेल-मिलाप न रखने के लिए कहा गया है।

दो गुरुद्वारों के सदस्यों पर कार्रवाई
इंदौर स्थित गुरुद्वारा सिंह सभा की कार्रवाई वाली चुनाव प्रक्रिया में विघन डालने वाले दोषी जगजीत सिंह सुगा को बार-बार बुलाया गया, लेकिन वे हाजिर नहीं हुआ। जिसके बाद इस सदस्य की सदस्यता को रद्द कर दिया गया है। आदेश दिया गया है कि जब तक वे गुरुद्वारा चुनाव संबंधी केस वापस नहीं लेता, संगत उससे संपर्क न रखें।

इसी तरह, गुरुद्वारा सिंह सभा दसूहा होशियारपुर के मामले में प्रबंधक कमेटी श्री अकाल तख्त साहिब के बार-बार बुलाने पर भी हाजिर नहीं हो रही। जिसके चलते प्रधान परमजीत सिंह, मीत प्रधान जोगिंदर सिंह, और सचिव कमलप्रीत सिंह को प्रबंध चलाने पर आयोग करार दिया गया है।

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