National : मणिपुर हिंसा में केंद्र सरकार का एक्शन, 9 चरमपंथी मेइती संगठनों पर पाबंदी

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Punjab news point : केंद्र सरकार ने राष्ट्र विरोधी गतिविधियों और सुरक्षाबलों पर घातक हमले करने को लेकर सोमवार को नौ मेइती चरमपंथी समूहों तथा उनके सहयोगी संगठनों पर प्रतिबंध लगा दिया, जो ज्यादातर मणिपुर में सक्रिय हैं. गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, जिन समूहों को पांच साल के लिए प्रतिबंधित किया गया है, उनमें पीपुल्स लिबरेशन आर्मी, जिसे आम तौर पर पीएलए के नाम से जाना जाता है, और इसकी राजनीतिक शाखा, रिवॉल्यूशनरी पीपुल्स फ्रंट , यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ) और इसकी सशस्त्र शाखा मणिपुर पीपुल्स आर्मी शामिल हैं.

इनमें पीपुल्स रिवॉल्यूशनरी पार्टी ऑफ कांगलेईपाक और इसकी सशस्त्र शाखा रेड आर्मी, कांगलेईपाक कम्युनिस्ट पार्टी तथा इसकी सशस्त्र शाखा, कांगलेई याओल कनबा लुप, कोआर्डिनेशन कमेटी और एलायंस फॉर सोशलिस्ट यूनिटी कांगलेईपाक भी शामिल हैं.

पीएलए, यूएनएलफ, पीआरईपीएके, केसीपी, केवाई केएल को कई साल पहले गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 (1967 का 37) के तहत गृह मंत्रालय द्वारा प्रतिबंधित घोषित किया गया था और नवीनतम कार्रवाई में प्रतिबंध को पांच साल तक बढ़ा दिया गया है. अन्य संगठनों को गैरकानूनी घोषित किये जाने की घोषणा ताज़ा है. अपनी अधिसूचना में, गृह मंत्रालय ने कहा कि केंद्र सरकार की राय है कि यदि मेइती चरमपंथी संगठनों पर तत्काल अंकुश और नियंत्रण नहीं किया गया, तो उन्हें अपनी अलगाववादी, विध्वंसक, आतंकवादी और हिंसक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए अपने कैडर को संगठित करने का अवसर मिलेगा.

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